ये हिन्दू ये मुस्लिम, क्यों ये लड़ाई
दिल की गहराइयो से देखो, हम सब एक ही है भाई
ना धर्म बाटता, ना जात बाटता, न बाटता ये मुल्क
फिर भी दंगे लड़ाईया होते हर रोज
बाटता हमे तो बस एक छोटी सोच...
गला काट देते हो तुम धर्म के नाम पे
उनकी भी माँये इंतज़ार करती होंगी उनका हर शाम में
वही खून है, वही दिल है
सब कुछ एक ही है मेरे भाई
बस हमे करनी पड़ेगी अपने मन की सफाई...
जिन्होने बनाया धर्म वो बैठे अपना मतलब निकल रहे
और हम अपना गुस्सा अपने भाइयो पे उतार रहे...
गौर करना मेरी बात पर तो ये दुनिया तुम्हे भी खूबसूरत लगेगी
सब एक ही है भाई, तुम्हारी रूह तुमसे कहेगी।।